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पीएचडी में एडमिशन कैसे मिलता है?

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किसी विषय विशेष में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए स्टूडेंट्स पीएचडी करते हैं। पीएचडी शिक्षा ग्रहण करने का उच्चतम स्तर है, जहां विद्यार्थी शोध के द्वारा नवीन ज्ञान की प्राप्ति करते हैं या पुराने ज्ञान का सत्यापन करते हैं या फिर पुरानी अवधारणा में नवीन बिंदुओं को खोजते हैं। पीएचडी करने के लिए व्यापक अध्ययन की आवश्यकता होती है। अगर आप जानना चाहते हैं कि (PhD me admission kaise milta hai) पीएचडी में एडमिशन कैसे मिलता है, तो यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है।

पीएचडी क्या है?

विद्यार्थियों द्वारा किसी विषय में हासिल की जाने वाली उच्चतम शैक्षणिक डिग्री पीएचडी है। यह डिग्री किसी विषय के व्यापक और गहन अध्ययन का प्रमाण होती है। इसे शैक्षणिक या शोध करियर में रुचि रखने वाले स्टूडेंट्स हासिल करते हैं। पीएचडी का मतलब ‘डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी’ होता है।

पीएचडी को डॉक्टरेट के रूप में जाना जाता है। यह डिग्री हासिल करने वाले स्टूडेंट्स को डॉक्टर की उपाधि दी जाती है। विश्वविद्यालयों में विभिन्न विषयों के पीएचडी प्रोग्राम करवाए जाते हैं। जिसमें स्टूडेंट्स को रुचि के विषयों के टॉपिक्स पर शोध कार्य करवाया जाता है। पीएचडी प्रोग्राम के दौरान विद्यार्थियों द्वारा किए गए शोध कार्य का समाज के हित में योगदान हो, यह ध्यान रखा जाता है। सरकारें प्रायः शोधकार्य को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न फेलोशिप प्रदान करती हैं।

पीएचडी कौन कर सकता है?

पीएचडी एक स्नातकोत्तर डॉक्टरेट डिग्री है, इसलिए इसे करने के लिए स्टूडेंट्स को किसी भी विषय में परास्नातक होना चाहिए। यानी कि उसके पास मास्टर डिग्री या पोस्ट ग्रेज्युएट डिग्री होनी चाहिए। इसके लिए पोस्ट ग्रेज्युएशन में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंक होने चाहिए। हालांकि, अलग-अलग यूनिवर्सिटी पात्रता के लिए अपने नियमों के हिसाब से छूट प्रदान करती हैं।

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पीएचडी कौन कर सकता है?

इसके अतिरिक्त पीएचडी से पहले एम.फिल डिग्री होती है। एम.फिल करने वाले स्टूडेंट्स को पीएचडी एडमिशन में कुछ रियायत प्रदान की जाती है। वहीं, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर हेतु राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (UGC NET) का आयोजन किया जाता है। इस परीक्षा को पास करने वाले स्टूडेंट्स को पीएचडी प्रोग्राम में प्रवेश लेने में आसानी होती है।

यूजीसी नेट परीक्षा के बारे में आवश्यक जानकारी के लिए आप इस लेख को पढ़ सकते हैं।

पीएचडी करने से क्या होता है?

पीएचडी डिग्री उच्चतम शैक्षणिक डिग्री है, इसलिए पीएचडी करने का मुख्य फायदा यही है कि आप जिस विषय पर पीएचडी करते हैं, उस विषय में आप एक्सपर्ट हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ प्रमुख फायदे निम्नलिखित हैं-

  • पीएचडी की डिग्री प्राप्त करने के बाद स्टूडेंट्स किसी विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में पढ़ाने के योग्य हो जाते हैं। अगर नियमित रूप से प्रोफेसर की नौकरी नहीं मिलती, तो फिर एडहॉक के रूप में किसी विश्वविद्यालय या कॉलेज में पढ़ाने के बहुत सारे मौके मिलते हैं। अतिथि लेक्चरर बनकर किसी कॉलेज में पढ़ा सकते हैं।
  • भारत सरकार बहुत सारी फेलोशिप्स के जरिए पीएचडी करने वाले स्टूडेंट्स को आर्थिक सहायता प्रदान करने का काम करती है। इसके परिणाम स्वरूप स्टूडेंट्स नौकरी न मिलने तक पीएचडी में एडमिशन ले लेते हैं। इससे कुछ समय के लिए उनकी आर्थिक मदद हो जाती है। JRF, SRF जैसी तमाम फेलोशिप्स इसके उदाहरण हैं।
  • पीएचडी के दौरान स्टूडेंट्स को किसी विषय पर रिसर्च करनी पड़ती है। इससे उनकी रिसर्च स्किल विकसित हो जाती है। उनके रिसर्च आर्टिकल राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के जर्नल्स में प्रकाशित होते हैं। इससे उनको राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर की ख्याति मिलती है। वहीं, रिसर्च के क्षेत्र में करियर बनाने की संभावनाएं भी होती हैं।
  • जिन स्टूडेंट्स के लिए डॉक्टरेट की उपाधि बहुत अधिक महत्व रखती है, उन्हें पीएचडी करने से इस उपाधि मिलने का फायदा होता है। जो स्टूडेंट्स को उनके जीवन में विशेष और सम्मानित बना देता है।
  • अगर आप किसी क्षेत्र में कार्यरत हैं। अगर उस विषय में पीएचडी कर लेते हैं, तो आपके वर्तमान वेतन में वृद्धि हो जाएगी। पीएचडी डिग्री वेतनवृद्धि भी करती है।
  • पीएचडी में शोधकार्य के दौरान संबंधित विषय में कुछ नए तथ्य या नई तरह की व्याख्या सामने आती है। नए तथ्यों या नई व्याख्या पर कोई किताब लिखी जा सकती है। अद्वितीय जानकारी वाली किताब आपको समाज में प्रतिष्ठा और धन दोनों दिला सकती है।

इन विभिन्न बिंदुओं को पढ़कर आपको पीएचडी करने के फायदे समझ आ ही गए होंगे। इससे विषय विशेषज्ञता के साथ रोजगार के भी कई अवसर खुल जाते हैं।

पीएचडी कितने साल का कोर्स होता है?

पीएचडी कोर्स सामान्यतः 3 से 5 साल का होता है। इसके अलावा यह स्टूडेंट्स पर निर्भर करता है कि वह कितने दिनों में अपनी थीसिस जमा करने में कितना समय लगाता है। अगर आप पीएचडी करने का मन बना रहे हैं, तो पहले से यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आप इसके लिए मिनिमम 3 साल समय दे सकते हैं। इसके अलावा शोधकार्य में अतिरिक्त समय भी स्टूडेंट्स को लग जाता है।

पीएचडी की फीस कितनी है?

अलग-अलग विश्वविद्यालयों, कॉलेजों में पीएचडी के लिए फीस अलग-अलग होती है। विदेश के विश्वविद्यालयों से पीएचडी करने के लिए बहुत ज्यादा फीस होती है। अगर हम भारत के परिप्रेक्ष्य में बात करें तो केंद्रीय विश्वविद्यालय में 15-20 हजार रुपये प्रतिवर्ष लगती है। वहीं, राज्य विश्वविद्यालयों में यह दायरा बढ़कर 20-50 हजार रुपये सालाना हो जाता है। अगर आप प्राइवेट यूनिवर्सिटीज से पीएचडी प्रोग्राम करने चाहते हैं, तो आपको लगभग 1 लाख रुपये से 5 लाख रुपये सालाना फीस चुकानी पड़ सकती है।

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पीएचडी की फीस कितनी है?

पीएचडी में एडमिशन कैसे मिलता है? (PhD me admission kaise milta hai)

अगर आप किसी मशहूर विश्वविद्यालय से पीएचडी करना चाहते हैं और यह जानना चाहते हैं कि विश्वविद्यालयों में पीएचडी प्रवेश की एडमिशन प्रक्रिया क्या होती है, तो इस लेख में आपको आवश्यक जानकारी मिलेगी। आपने किसी विषय में पोस्ट ग्रेज्युएशन तो निश्चित ही कर लिया होगा, या शायद एमफिल भी कर चुके होंगे। PhD me admission kaise milta hai सवाल के जवाब में नीचे हम पीएचडी में प्रवेश देने के विश्वविद्यालय के तरीकों के बारे में बात करेंगे।

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पीएचडी में एडमिशन कैसे मिलता है?

आमतौर पर विश्वविद्यालय पीएचडी में एडमिशन देने के लिए 2 तरीके अपनाते हैं। पहला तरीका उन स्टूडेंट्स के लिए उपयोगी होता है, जिन्होंने हाल ही में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है और यूजीसी नेट परीक्षा नहीं क्वालिफाइड नहीं हैं। ऐसे स्टूडेंट्स को विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित की गई एक प्रवेश परीक्षा से गुजरना पड़ता है। दूसरा तरीका उन स्टूडेंट्स के लिए है, जिन्होंने यूजीसी नेट, स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट या कोई फेलोशिफ हासिल की हुई है। ऐसे स्टूडेंट्स को प्रवेश परीक्षा से छूट दी जाती है, इन्हें एग्जम्टेड कैटेगरी में माना जाता है।

प्रवेश परीक्षा द्वारा एडमिशन

भिन्न-भिन्न विश्वविद्यालय पीएचडी में प्रवेश देने के लिए एंट्रेंस एग्जाम आयोजित करते हैं। उसमें क्वॉलिफाई करने वाले स्टूडेंट्स को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। प्रवेश परीक्षा के 70 प्रतिशत और साक्षात्कार के 30 प्रतिशत वेटेज के आधार पर मेरिट लिस्ट बनती है, जिसके आधार पर उम्मीदवारों को प्रवेश मिलता है।

हालांकि, अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने पीएचडी के लिए कॉमन एंट्रेंस एग्जाम की शुरुआत की है। इस परीक्षा के तहत जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय अपने यहां प्रवेश देते हैं। अगले सत्र से इस परीक्षा के आधार पर एडमिशन देने वाले विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। इस परीक्षा को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के द्वारा आयोजित कराया जाता है।

पीएचडी प्रवेश परीक्षा का पैटर्न

पीएचडी प्रवेश परीक्षा कंप्यूटर आधारित परीक्षा है। इसमें 400 अंकों के 100 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते हैं और इसे हल करने के लिए 3 घंटे का समय निर्धारित किया गया है। प्रत्येक सही उत्तर के लिए 4 अंक मिलते हैं और ग़लत उत्तर का कोई अंक नहीं काटा जाता है।

इस परीक्षा में प्रत्येक प्रश्न पत्र के दो खंड होते हैं- सेक्शन 1 अनुसंधान पद्धति और सेक्शन 2 विशिष्ट विषय। दोनों सेक्शन्स से पचास-पचास प्रश्न पूछे जाएंगे।

प्रवेश परीक्षा के बाद साक्षात्कार

पीएचडी प्रवेश परीक्षा के बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी अपनी वेबसाइट पर स्कोर कार्ड जारी करेगी। जिसके बाद सभी विश्वविद्यालय आवेदन करने के लिए अपने पोर्टल चालू करेंगे और स्टूडेंट्स को आवेदन करना होगा। सीटों की उपलब्धता के आधार पर एक न्यूनतम कटऑप के तहत विश्वविद्यालय स्टूडेंट्स को साक्षात्कार के लिए बुलाएंगे।

साक्षात्कार में स्टूडेंट्स को अपने विषय से संबंधित अपनी रुचि के किसी टॉपिक पर रिसर्च प्रपोजल तैयार करके ले जाना पड़ेगा। विश्वविद्यालय में साक्षात्कार पैनल के सदस्य उस टॉपिक से संबंधित पहलुओं पर प्रश्न पूछेंगे। विषय और टॉपिक पर स्टूडेंट्स की समझ का मूल्यांकन करते हुए अंक प्रदान करेंगे।

एडमिशन के लिए चयनित होने वाले उम्मीदवारों की फाइनल लिस्ट सबसे बाद में आती है। इसमें प्रवेश परीक्षा और साक्षात्कार में स्टूडेंट के ओवरऑल परफॉर्मेंस को देखा जाता है।

प्रवेश परीक्षा एग्जम्प्टेड एडमिशन

प्रवेश परीक्षा से छूट उन्हीं स्टूडेंट्स को मिलती है, जिन्होंने यूजीसी नेट परीक्षा, स्टेट लेवल परीक्षा पास की होती है या फिर कोई फेलोशिप प्राप्त की होती है। ऐसे स्टूडेंट्स को प्रवेश परीक्षा में शामिल होने की जरूरत नहीं होती। विश्वविद्यालय पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया शुरू करते हैं, तो ऐसे उम्मीदवारों से अलग से आवेदन मांगे जाते हैं। इन उम्मीदवारों को सीधे साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है।

हालांकि कुछ विश्वविद्यालयों ने ऐसे उम्मीदवारों के लिए रिसर्च एबिलिटी टेस्ट शुरू किया है। इस परीक्षा में उम्मीदवार को यूनिवर्सिटी द्वारा निर्धारित किए गए बिंदुओं के अनुसार अपना रिसर्च प्रपोजल लिखना होता है। हाल ही में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने यह टेस्ट लेना शुरू किया है।

पढ़ें- BEd Course in Hindi : योग्यता, एडमिशन प्रक्रिया, फीस व अन्य जानकारी

एंट्रेंस एग्जाम एग्जम्प्टेड कैटेगरी के स्टूडेंट्स को प्रवेश उनके रिसर्च प्रपोजल और साक्षात्कार के आधार पर मिलने वाले अंकों से मिलता है। साक्षात्कार के बाद विश्वविद्यालय चयनित उम्मीदवारों की लिस्ट प्रकाशित करते हैं। चयनित उम्मीदवारों को निर्धारित तिथि तक प्रवेश रजिस्ट्रेशन करके फीस जमा करनी होती है।

प्राइवेट कॉलेजों में पीएचडी एडमिशन

भारत में आमतौर पर प्राइवेट कॉलेज पीएचडी एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन नही करते। प्राइवेट कॉलेज आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को साक्षात्कार के माध्यम से चयनित करते हैं और उन्हें प्रवेश देते हैं। कुछ प्राइवेट कॉलेज पीएचडी करने वाले स्टूडेंट्स को फेलोशिप भी देते हैं। किसी प्राइवेट कॉलेज के लिए रिसर्च कार्य होना अच्छी बात होती है। इसलिए कॉलेज प्रायः स्टूडेंट्स को आर्थिक मदद देते हैं, इसके बदले में स्टूडेंट्स से अकादमिक कार्यों में मदद लेते हैं।

पीएचडी के विषय

अलग-अलग स्ट्रीम के विषयों पर पीएचडी करने के लिए विभिन्न प्रोग्राम्स हैं। हम नीचे सारिणी में भिन्न-भिन्न स्ट्रीम के कोर्सेस के बारे में जानकारी दे रहे हैं-

साइंस स्ट्रीम मानविकी स्ट्रीम
पीएचडी इन फिजिक्स पीएचडी इन इकॉनमिक्स
पीएचडी इन केमिस्ट्री पीएचडी इन ह्यूमेनिटी
पीएचडी इन मैथ्स पीएचडी इन जियॉग्रफि
पीएचडी इन बायोसाइंस पीएचडी इन इंगलिश
पीएचडी इन क्लिनिकल रिसर्च पीएचडी इन साइकॉलजि
पीएचडी इन बायोटेक्नॉलजि पीएचडी इन फिजियोलॅजि
पीएचडी इन जूलॉजि पीएचडी इन आर्ट्स
पीएचडी इन बायोइन्फॉर्मेटिक्स पीएचडी इन सोशल वर्क्स
पीएचडी इन इन्वायरमेंटल साइंस एंड इंजीनियरिंग पीएचडी इन पब्लिक पॉलिसी
पीएचडी इन मेडिकल फिजिक्स पीएचडी इन हिस्ट्री
पीएचडी इन पैथॉलजि पीएचडी इन पॉलिटी
पीएचडी इन रेडियॉलजि पीएचडी इन सोशियॉलजि
पीएचडी इन न्यूरोसाइंस पीएचडी इन हिंदी

इंजीनियरिंग स्ट्रीम में पीएचडी कोर्स

  • पीएचडी इन सिविल इन्जीनियरिंग
  • पीएचडी इन मैकेनिकल इन्जीनियरिंग
  • पीएचडी इन कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग
  • पीएचडी इन इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलजि
  • पीएचडी इन इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजि
  • पीएचडी इन केमिकल इंजीनियरिंग
  • पीएचडी इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग

बिजनेस एंड मैनेजमेंट स्ट्रीम में पीएचडी कोर्स

  • पीएचडी इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन
  • पीएचडी इन मैनेजमेंट
  • पीएचडी इन कॉमर्स
  • पीएचडी इन मार्केटिंग, ब्रांड मैनेजमेंट
  • पीएचडी इन एकाउंटिंग एंड फाइनेंशियल मैनेजमेंट

पीएचडी के लिए भारत की टॉप यूनिवर्सिटी

भारत में पीएचडी करने के लिए बहुत सारी केंद्रीय यूनिवर्सिटी, स्टेट यूनिवर्सिटी और प्राइवेट यूनिवर्सिटी हैं। इनमें कुछ चर्चित यूनिवर्सिटी का नाम हम दे रहे हैं, जिनका शोध कार्य उच्च गुणवत्ता वाला होता है।

  • जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय
  • जाधवपुर विश्वविद्यालय
  • दिल्ली विश्वविद्यालय
  • बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
  • अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
  • हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय
  • इलाहाबाद विश्वविद्यालय
  • रांची विश्वविद्यालय
  • बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ
  • इंदिरा गांधी नेशनल ट्राइबल यूनिवर्सिटी, अमरकंटक
  • पुड्डुचेरी यूनिवर्सिटी
  • महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा

ऊपर दिए गए विश्वविद्यालय मानविकी विषयों में अच्छा शोधकार्य करवाने के लिए प्रसिद्ध हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आईआईटी ही सर्वोत्तम संस्थान हैं।

पीएचडी करने से कौन सी नौकरी मिलती है?

पीएचडी करने के बाद विभिन्न क्षेत्रों करियर बनाने की संभावना होती है। हम नीचे कुछ नौकरियों के उदाहरण दे रहे हैं, जो पीएचडी के बाद आसानी से मिल जाती हैं।

प्रोफेसर: पीएचडी करने के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए योग्य हो जाते हैं। इसलिए संभावना होती है कि किसी विश्वविद्यालय या कॉलेज में प्रोफेसर की नौकरी मिल जाए।

राइटर: पीएचडी करने के बाद एक विषय में एक्सपर्ट हो जाते हैं। इसलिए स्टूडेंट्स उस विषय पर लेखन करके जीविका चला सकते हैं।

रिसर्चर: पीएचडी के दौरान शोधकार्य करना पड़ता है। इसलिए स्टूडेंट्स में रिसर्च एबिलिटी विकसित हो जाती है। ऐसे में पीएचडी के बाद बतौर रिसर्चर तमाम काम मिल जाता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

PhD me admission kaise milta hai सवाल के जवाब में लिखे गए इस लेख में आपको पीएचडी एडमिशन से संबंधित मन में आने वाले सारे सवालों के जवाब मिल गए होंगे। अगर फिर भी कोई डाउट हों, तो कमेंट करके पूछ सकते हैं। हमने कोशिश की है कि पीएचडी एडमिशन से जुड़े सारे पहलू कवर हो जाएं।

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