कैसे कम करें बोर्ड परीक्षा का तनाव?
How to overcome stress during board exams: जैसे-जैसे बोर्ड परीक्षाएं नजदीक आ रही हैं, स्टूडेंट्स के मन में इन्हें लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। अपने मूल्यांकन को लेकर हर किसी में तनाव आना स्वाभाविक है, इससे परीक्षा की तैयारी के लिए प्रयत्नशीलता बढ़ती है। तनाव की वजह से ही स्टूडेंट्स लगातार तैयारी करते हैं। लेकिन अधिक तनाव परीक्षा की तैयारी में नुकसान भी पहुंचाता है। माना जाता है कि अधिक तनाव मस्तिष्क को अच्छी तरह कार्य नहीं करने देता। एग्जाम स्ट्रेस परीक्षा की तैयारी के लिए प्रेरणा हो सकता है, लेकिन अगर यह लंबे समय तक बना रहे, तो यह जीवन की बाकी चीजों को भी प्रभावित करता है।
Table of contents
- एग्जाम स्ट्रेस क्यों होता है?
- एग्जाम स्ट्रेस के लक्षण क्या हैं?
- एग्जाम स्ट्रेस को कैसे दूर किया जाए? (How to overcome stress during board exams)
- बोर्ड परीक्षा में तनाव कम करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सलाह
एग्जाम स्ट्रेस क्यों होता है?
परीक्षा को लेकर स्टूडेंट्स के मन में भय पैदा होने लगता है कि कहीं मैं फेल तो नहीं हो जाउंगा। यह परीक्षा कुछ बुरा तो नहीं कर देगी। ऐसे खयाल आने की कई वजहें हो सकती हैं।
परीक्षा के बारे में अनभिज्ञता:
जब किसी चीज के बारे में जानकारी नहीं होती, तो उसे लेकर थोड़ी चिंता होती है। जो स्टूडेंट्स पहली बार बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित हो रहे होते हैं, उनके मन में इसे लेकर तनाव अधिक होता है। पता नहीं क्या होगा? बोर्ड परीक्षा में किस तरह प्रश्न पूछते हैं? कैसे उत्तर लिखे जाते हैं? स्टूडेंट्स के मन में ऐसे बहुत से सवाल आते हैं, जो तनाव पैदा करने का काम करते हैं।
स्टूडेंट्स से पैरेंट्स को अधिक उम्मीद:
जो पैरेंट्स अपने बच्चों से पढ़ाई के क्षेत्र में बहुत अधिक उम्मीदें रखते हैं, प्रायः उन बच्चों में परीक्षा को लेकर अधिक तनाव देखा जाता है। जैसे- कोई माता-पिता क्लास में अपने बच्चे की रैंकिंग को लेकर बहुत जोर देते हैं कि तुम्हें फर्स्ट आना है, फर्स्ट आना है। ऐसे में बच्चा ज्यादा तनाव लेने लगता है। बच्चों से उतनी ही उम्मीदें रखनी चाहिए, जितने पेरेंट्स ने अपने बचपन में अपने मां-बाप की उम्मीदों की परवाह की थी। इससे अधिक उम्मीदें रखना बच्चों को मुफ्त का तनाव देना होता है।
तैयारी की कमजोर स्थिति:
जिस स्टूडेंट्स की तैयारी ठीक नहीं है, उसे परीक्षा को लेकर तनाव हो जाता है। इसी बात को दूसरी तरह कहें तो स्टूडेंट्स को लगता है कि उनकी तैयारी पर्याप्त नहीं है, इसलिए उन्हें परीक्षा को लेकर तनाव हो जाता है। इसका एक कारक यह भी है कि उन्हें बोर्ड परीक्षा के बारे में अंदाजा नहीं होता।
समाज में बोर्ड परीक्षा का भय:
लोगों ने घर परिवार, स्कूल और समाज में बोर्ड परीक्षा का हव्वा बनाकर रखा हुआ है। जिस साल स्टूडेंट्स बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित होने वाले होते हैं, तो यही कहा जाता है कि इस साल बोर्ड परीक्षा है, खेलना नहीं है। फेल हो गए तो बदनामी होगी। स्टूडेंट्स के मन में बोर्ड परीक्षा को लेकर भय उत्पन्न हो जाता है। फेल होने, अपमान होने के भय से उनके दिमाग में उपजा तनाव उन्हें कमजोर करता रहता है।
एग्जाम स्ट्रेस के लक्षण क्या हैं?
बोर्ड परीक्षा को लेकर होने वाले तनाव के लक्षण शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर नजर आते हैं। कंपकंपी, जी मचलाना, घबराहट जैसे शारीरिक लक्षण हैं, तो ध्यान एकाग्र करने में परेशानी, चिड़चिड़ापन आदि मानसिक लक्षण हैं।
शारीरिक लक्षण:
स्टूडेंट्स जब बोर्ड परीक्षा के बारे में अधिक स्ट्रेस लेने लगते हैं, तो उनको कई प्रकार की शारीरिक दिक्कतें होने लगती हैं। एग्जाम स्ट्रेस कुछ लक्षण नीचे दे रहे हैं-
- बहुत ज्यादा पसीना आना
- उल्टी आना या जी मचलाना
- धड़कनों का तेज हो जाना
- सिरदर्द होना
- सांसों की कमी महसूस करना
- पेट में दर्द होना
- बेहोश होना या कमजोरी महसूस करना आदि शारीरिक लक्षण एग्जाम स्ट्रेस की वजह से हो जाते हैं।
मानसिक लक्षण:
काफी तनाव लेने से स्टूडेंट्स के मानसिक स्वभाव में भी परिवर्तन होने लगते हैं, जिनको नीचे दिए गए लक्षणों से पहचाना जा सकता है-
- हर समय निराश होना
- घबराहट, बेचैनी या परेशानी महसूस करना
- हर समय बिना मतलब तनाव महसूस करना
- बात-बात पर गुस्सा होना
- फेल हो जाने का डर
- सेल्फ डाउट होना आदि मानसिक लक्षण स्टूडेंट्स के एग्जाम स्ट्रेस को दर्शाते हैं।
एग्जाम स्ट्रेस को कैसे दूर किया जाए? (How to overcome stress during board exams)
अगर परीक्षा को लेकर स्टूडेंट्स अधिक तनाव के दौर से गुजर रहे हैं, तो निश्चित है कि आशा के अनुरूप परिणाम नहीं आएंगे। इसके लिए उन्हें अपने स्ट्रेस को मैनेज करने की आवश्यकता है। कुछ तरीकों को अपना कर तनाव को प्रबंधित किया जा सकता है। इसके लिए एक एग्जाम स्ट्रेस मैनेजमेंट प्लान दे रहे हैं, इसमें तीन चरण हैं। परीक्षा के पहले तनाव को हैंडल करना, परीक्षा के दिन तनाव से निपटना और परीक्षा के दौरान तनावमुक्त होकर परीक्षा देना।
परीक्षा के पहले स्ट्रेस मैनेजमेंट
बोर्ड परीक्षा की डेट की घोषणा होने के बाद से ही स्टूडेंट्स के मन में स्ट्रेस पैदा होना शुरू हो जाता है। जैसे-जैसे परीक्षा नजदीक आती है, तनाव बढ़ता जाता है और लक्षण अधिक स्पष्ट रूप से दिखने लगते हैं। कई स्टूडेंट्स परीक्षा के समय बीमार पड़ जाते हैं। यह भयंकर स्ट्रेस का परिणाम हो सकता है। इसलिए आवश्यकता होती है कि परीक्षा के पहले से ही स्ट्रेस को मैनेज करते चलें। इसके लिए कुछ तरकीबें अपनाएं, अच्छी आदतें जोड़ें और धीरे-धीरे अपनी तैयारी को बढ़ाते रहें।
अधिक जानने की कोशिश करें:
किसी महान व्यक्ति ने कहा है कि अज्ञानता भय पैदा करती है। भय को ज्ञान से ही दूर किया जा सकता है। इसलिए अपनी परीक्षा के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की कोशिश करें। इसके लिए सिलेबस को अच्छे से समझें। परीक्षा के माध्यम से आपसे क्या अपेक्षा की जाती है, इस बारे में अपने टीचर्स से बातचीत करें। हां, बातचीत ऐसी होनी चाहिए जो एग्जाम स्ट्रेस कम करे, न कि उसे और बढ़ाए। यह तरीका अवश्य ही परीक्षा के पहले स्टूडेंट्स का स्ट्रेस कम करने में मदद करेगा।
क्लास के नोट्स बनाते रहें:
क्लास में बताई गई बातें भी बहुत महत्व रखती हैं, इसलिए कक्षा में बताए गए महत्वपूर्ण बिंदुओं के नोट्स बनाते रहें। क्लास की सारी चीजें नोट करने लायक नहीं होती, लेकिन उसमें से बहुत सारी काम की चीजें होती हैं। आपके लिए पाठ्यक्रम पुस्तक ही पर्याप्त नहीं है। सप्ताह में नोट्स को रिव्यू करते रहें, यह आपकी जानकारी में वृद्धि करते रहेंगे और आपका आत्मविश्वास बढ़ाते रहेंगे। साथ ही तनावग्रस्त होने से बचाते रहेंगे।
समझदारी से अपना समय प्रबंधित करें:
परीक्षा की तैयारी एक दिन में नहीं हो जाती है। इसके लिए लंबे समय की मेहनत लगती है। परीक्षा के काफी पहले से अपने समय को दिनों या सप्ताहों के टुकड़ों में बांट लें। समय के एक टुकड़े के लिए अध्यायों को भी निर्धारित कर लेंगे तो आपके लिए टारगेट अचीव करना आसान हो जाएगा। थोड़ी-थोड़ी मेहनत रोजाना करेंगे, तो आसानी रहेगी।
अध्ययन के दौरान ब्रेक लें:
कई घंटों तक लगातार पढ़ाई करने के बजाय बीच-बीच में छोटे-छोटे ब्रेक लेने चाहिए। क्योंकि मनोविज्ञान के अनुसार मानव मस्तिष्क एक विषय पर 45 मिनट ही प्रभावी रूप से ध्यान केंद्रित कर सकता है।
व्यायाम करें:
एग्जाम स्ट्रेस मैनेज करने के लिए स्टूडेंट्स को व्यायाम करने की आदत डालनी होगी। एरोबिक व्यायाम तनाव कम करने में मदद करते हैं। अगर आप परीक्षा से पहले घबराहट महसूस करते हैं, तो दौड़ने जाने से आपकी घबराहट कम हो जाएगी। इसके साथ ही ध्यान और योग से मन शांत होगा और तनाव से मुक्ति मिलेगी।
स्वस्थ भोजन करें:
परीक्षा की तैयारी करते समय आपको स्वस्थ एवं संतुलित आहार लेना है। अपने आहार में मन को शांत बनाने वाली चींजे खानी हैं, प्रॉसेस्ड फूड या अन्य पाचन क्रिया को नुकसान पहुंचाने वाली चींजें खाने से बचना चाहिए। जैसे सब्जियों, मेवे, फल आदि को अधिक मात्रा में भोजन में शामिल करना चाहिए। जंक फूड, फास्ट फूड से बचना चाहिए।
पर्याप्त नींद लें:
दिमाग के अच्छी तरह काम करने के लिए आवश्यक है कि उसे पर्याप्त नींद मिले। पर्याप्त नींद न मिलने से मानसिक तनाव बढ़ता है। इसलिए कोशिश करें 8 घंटे की अच्छी नींद रोजाना लें। दिनचर्या में सोने का समय निर्धारित करें और उस समय तक बिस्तर में चले जाएं।
परीक्षा के दिन स्ट्रेस मैनेजमेंट (How to overcome stress during board exams)
परीक्षा के दिन स्टूडेंट्स का स्ट्रेस बहुत बढ़ जाता है, क्योंकि वह घड़ी नजदीक है, जब उनका मूल्यांकन किया जाएगा। साल भर की मेहनत का निर्णय आज की परफॉर्मेंस के आधार पर किया जाएगा। यह स्ट्रेस परफॉर्मेंस को प्रभावित करता है, इसलिए परीक्षा के दिन स्ट्रेस मैनेज करने में उपयोगी तरीके नीचे दिए गए हैं-
सारा सिलेबस रिवाइज करने की कोशिश न करें:
अधिकांश स्टूडेंट्स सोचते हैं कि परीक्षा के दिन पूरे सिलेबस को रिवाइज कर लें। जो अभी पढ़ रहे हैं, वही एग्जाम में आ जाएगा तो फायदा होगा। हालांकि परीक्षा के दिन रिवाइज करने में स्टूडेंट्स बहुत स्ट्रेस लेते हैं, जोकि परीक्षा के लिए नुकसानदायक है। हर मैच को परीक्षा की तरह देखने वाले और हमेशा स्ट्रेस फ्री, कूल रहने क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी का परीक्षा के दिन को लेकर कहना है कि अगर आपने पूरे साल पढ़ाई की होगी, तब परीक्षा के दिन पढ़ने-न-पढ़ने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। या फिर आपने पूरे साल पढ़ाई नहीं की होगी, तो भी पढ़ने-न-पढ़ने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इसलिए परीक्षा के दिन स्ट्रेस लेने के बजाय तनावमुक्त रहने की कोशिश करें।
परीक्षा के दिन उचित नाश्ता करें:
परीक्षा के दिन तनाव और चिंता से बचने के लिए आपको ऊर्जावान रहने की आवश्यकता है। इसके लिए आप उचित नाश्ता करें। नाश्ते में उन चीजों को शामिल करें जो आपको दिन भर एनर्जाइज रखें। प्रॉसेस्ड फूड व चीनी मिश्रित भोजन से उस दिन बच सकते हैं।
पानी पीते रहें:
मस्तिष्क को कार्य करने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। पानी की कमी से मस्तिष्क के कार्य पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए नाश्ते के साथ पानी पिएं। अगर संभव हो तो पानी की बोतल परीक्षा कक्ष में अपने साथ लेकर जाएं और पीते रहें।
परीक्षा केंद्र में समय से पहुंचें: परीक्षा केंद्र में समय से पहले पहुंच जाएं। देरी होने पर स्ट्रेस पहले से मन में बस जाएगा, इससे परफॉर्मेंस में प्रभाव पड़ेगा। पहले पहुंचने से आपके मन में एक्स्ट्रा स्ट्रेस नहीं आएगा।
परीक्षा के दौरान स्ट्रेस मैनेजमेंट
साल भर की मेहनत का मूल्यांकन परीक्षा के 3 घंटों से होता है। इसलिए आवश्यक है कि परीक्षा के घंटों में तनावमुक्त होकर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने का प्रयास करना चाहिए। अगर परीक्षा के घंटों में मन में चिंता, भय और तनाव बना रहेगा, तो प्रदर्शन खराब होगा।
जल्दबाजी न करें:
परीक्षा के दौरान स्टूडेंट्स को जल्दबाजी नहीं करना चाहिए। परीक्षा के घंटों को प्रश्नों के हिसाब से बांट लेना चाहिए और बिना जल्दबाजी के प्रश्नों को अच्छी तरह समझकर हल करना चाहिए। इसके अतिरिक्त परीक्षा के अंत के 5 मिनट में अपने लिखे उत्तरों की समीक्षा करें, इससे भूल व त्रुटियों में सुधार कर सकेंगे।
चिंता को पहचानें:
परीक्षा के दौरान आप अपने आप को परेशान महसूस करें, तब चिंता को पहचानें। अगर आप अधिक चिंता कर रहे होंगे, तो शारीरिक लक्षणों से इसे पहचान सकते हैं-
- सिरदर्द होना
- मतली आना
- धड़कनें तेज होना
- ध्यान केंद्रित करने में परेशानी आना
- नकारात्मक विचार आना आदि लक्षणों से पहचाना जा सकता है कि आप अधिक चिंता कर रहे हैं। ऐसे में लंबी सांसें लेकर मानसिक तनाव को दूर किया जा सकता है।
यदि आवश्यक हो तो अवकाश लें:
परीक्षा 3 घंटे की होती है, ऐसे में लगातार लिखते रहना मुश्किल होता है। अगर परीक्षा केंद्र में अनुमति हो तो उठें, पानी पी लें। बाथरूम हो आएं। अपने पैरों को फैलाएं। इससे तनाव कम करने में मदद मिलेगी।
बोर्ड परीक्षा में तनाव कम करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सलाह
- बोर्ड परीक्षा से पहले अपने खानपान का नियमित ध्यान रखें। क्योंकि परीक्षा में आपका पूर्ण रूप से स्वस्थ्य होना आवश्यक है। इसके लिए आप नियमित व्यायाम भी कर सकते हैं।
- परीक्षा की तैयारी करते समय ध्यान एकाग्र होना आवश्यक है। इसके लिए प्राणायाम व ध्यान कर सकते हैं। इससे आपको मन एकाग्र करने में मदद मिलेगी। स्मृति बढ़ेगी और पढ़ा हुआ काफी दिनों तक याद रहेगा।
- परीक्षा की तैयारी में स्टूडेंट्स को दिमागी मेहनत करनी पड़ती है, इसलिए उनका दिमाग पूरी तरह थक जाता है। रात में उन्हें पर्याप्त और अच्छी नींद की आवश्यकता होती है। विद्यार्थी एक रुटीन बनाकर नियमित पर्याप्त नींद लें।
- स्टूडेंट्स को अपने टीचर के साथ नियमित संपर्क में रहना चाहिए और परीक्षा के विषय में बात करते रहना चाहिए। इससे टीचर उन्हें आवश्यक जानकारियां उपलब्ध कराते रहेंगे। परीक्षा के बारे में जितनी अधिक जानकारी होगी, उतना ही तनाव कम होगा।
- दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए अधिक मात्रा में पानी पीते रहें, इससे दिमाग सजग और कार्यशील बना रहता है। इसके अलावा हाइड्रेट रहने से अन्य फायदे भी मिलेंगे।
- परीक्षा नजदीक आ रही हैं, इसलिए डरने के बजाय पॉजिटिव सोच पैदा करें। जितना अधिक सकारात्मक रहेंगे, तो तनाव नहीं होगा और परिणाम भी सकारात्मक ही रहेंगे।
- परीक्षा के समय स्टूडेंट्स पढ़ाई से बोर होकर दिमाग को आराम देने के लिए कुछ ऐसे काम करते हैं, जो उन्हें डिस्ट्रैक्ट कर देते हैं। जैसे इंटरनेट पर कुछ देखने लगना। ध्यान रखें कि इंटरनेट डिस्ट्रैक्ट कर सकता है।
ऊपर दिए गए लेख में लिखित आवश्यक बातों को ध्यान में रखकर आप बोर्ड परीक्षा की तैयारी करते हैं, तो निश्चित ही आपको एग्जाम स्ट्रेस से छुटकारा मिलेगा। परीक्षा में अच्छे प्रदर्शन के लिए आवश्यक है कि स्ट्रेस फ्री रहकर इसे दिया जाए। ऐसे ही उपयोगी लेखों के लिए ज्ञान संगम पर विजिट करते रहें।
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