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बोर्ड परीक्षा में कुछ न आए तो क्या करें?

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साल 2024 में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 22 फरवरी से शुरू हो रही हैं। स्टूडेंट्स में आमतौर पर बोर्ड परीक्षाओं को लेकर विशेष चिंता रहती है। बोर्ड परीक्षा में अच्छा उत्तर कैसे लिखें, बोर्ड परीक्षा की तैयारी कैसे करें, बोर्ड पेपर अच्छा नहीं हुआ तो करें, बोर्ड पेपर में नंबर कम आए तो क्या करें, बोर्ड परीक्षा में कुछ न आए तो क्या करें, बोर्ड परीक्षा के तनाव को कम कैसे करें, आदि सवालों के जवाब वे बोर्ड परीक्षा से पहले ही चाहते हैं। तो चलिए इस लेख में हम आपके मन में आने वाले मुख्य सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे।

बोर्ड परीक्षा में कुछ न आए तो क्या करें? (Board pariksha me kuchh na aaye to kya karen)

बोर्ड परीक्षा को लेकर 12वीं के स्टूडेंट्स के मुकाबले 10वीं के स्टूडेंट्स अधिक चिंतित होते हैं। क्योंकि 12वीं के स्टूडेंट्स को एक बार बोर्ड परीक्षा का सामना करने का अनुभव होता है। संभावना है कि 10वीं के स्टूडेंट्स लाइफ में पहली बार अपने विद्यालय के बाहर किसी दूसरे विद्यालय में परीक्षा दे रहे होंगे। जहां दूसरे विद्यालयों के अपरिचित बच्चे होंगे, अपरिचित परीक्षा निरीक्षक और अपरिचित स्थान होगा।

दूसरी बड़ी बात यह है कि बच्चों के मन में बोर्ड परीक्षा को लेकर अनचाहे में पेरेंट्स या बड़े-बूढ़े भय पैदा कर देते हैं। बच्चों को पूरे साल बात बात पर चेताते रहते हैं कि इस साल बोर्ड एग्जाम्स हैं। इससे उनके मन में बोर्ड एग्जाम स्ट्रेस पैदा हो जाता है। इस वजह से एग्जाम में उनकी परफॉर्मेंस बिगड़ने के चांस बढ़ जाते हैं।

कुछ स्टूडेंट्स के साथ समस्या होती है कि पढ़कर जाने के बावजूद कुछ प्रश्नों का उत्तर एग्जाम हॉल में याद नहीं आता। ऐसे में उनको बड़ा दुख होता है। इतनी मेहनत की, एक दिन पहले जिस प्रश्न का रिवीजन किया, वही ऐन मौके पर याद नहीं आ रहा है। या फिर कभी-कभी किसी पेपर में बहुत सारे आउट ऑफ सिलेबस प्रश्न पूछ लिए जाते हैं। स्टूडेंट्स को पूरे पेपर में बहुत सारे प्रश्न नहीं आते। अब स्टूडेंट्स का रिजल्ट खराब होने की संभावना होती है। तो बोर्ड परीक्षा में कुछ न आए तो क्या करें सवाल के जवाब में हम कुछ तरीके बता रहे हैं, जिनके जरिए आप अच्छा उत्तर लिखकर आ सकते हैं।

चिंता न करें

अगर आपको बोर्ड परीक्षा में कुछ न आए, तो सबसे पहली चीज परेशान न हों। चिंता न करें। सकारात्मक रहने की कोशिश करें। कभी कभी हमारे परेशान होने, चिंता करने से हमें जो प्रश्नों के उत्तर आते हैं, हम उन्हें भी भूल जाते हैं।

इसलिए सकारात्मक रहने की कोशिश करें और मन में विश्वास रखें कि भले ही हमें इन प्रश्नों का उत्तर नहीं मालूम, लेकिन हम कुछ न कुछ लिख ही देंगे।

पहले आसान प्रश्नों के उत्तर लिखें

बोर्ड परीक्षा के दौरान जाहिर सी बात है कि आपको सभी प्रश्न नहीं आएंगे। तो ऐसे में अच्छा तरीका यही है कि आप उन प्रश्नों के उत्तर पहले लिखें, जो आपको आते हैं। या यूं कहें कि जो प्रश्न आसान हैं। जब आने वाले सभी प्रश्न आप कर लें, फिर कठिन या न आने वाले प्रश्नों को हल करने का प्रयास करें।

इसके लिए आप प्रश्नों को बार-बार पढ़ें और टुकड़ों में बांटकर समझने की कोशिश करें। संभव है कि बार-बार समझने की कोशिश करेंगे तो प्रश्न का उत्तर लिखने का कुछ आइडिया मिलेगा। फिर आपको जो भी उत्तर समझ में आता है, लिख डालें।

6 ककारों का फॉर्मूला

मान लीजिए आपको बोर्ड परीक्षा में कुछ न आए, तो ऐसे में आप 6 ककारों के फॉर्मूला से कुछ न कुछ लिख सकते हैं। 6 ककारों का मतलब है कि क्या, कब, कौन, कहां, क्यों, कैसे ये 6 प्रश्न हैं, जिनकी मदद से आप उत्तर लिख सकते हैं। अगर आपने पूरे साल पढ़ाई की है, तो सवाल में दिए गए शब्दों के बारे में परिचित होंगे। आपको कोशिश करनी है कि उन शब्दों के बारे में 6 सवालों के जवाब देने की कोशिश कीजिए।

वैसे आवश्यक नहीं है कि यह फॉर्मूला एकदम सही काम आए ही। फिर भी परीक्षा में कुछ न लिखने से बेहतर है कि आप उसका उत्तर देने का प्रयास करें। उत्तर पुस्तिका खाली छोड़ने की अपेक्षा उत्तर पुस्तिका भरने वाले स्टूडेंट्स को सकारात्मक परिणाम मिलता है। कभी कभी इस पद्धति से आप अच्छा उत्तर लिख सकते हैं। हालांकि, गणित जैसे विषयों के लिए 6 ककारों का फॉर्मूला काम नहीं करेगा।

काउ मेथड’ अपनाएं

परीक्षा में किसी प्रश्न का उत्तर न आए तो उसका उत्तर लिखने के लिए काउ मेथड का उपयोग किया जा सकता है। काउ मेथड उत्तर लिखने की एक विधि है, जिसे सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कराने वाले एजुकेटर विकास दिव्यकीर्ति ने परिभाषित किया है। विकास दिव्यकीर्ति का कहना है कि परीक्षा में प्रश्न छोड़ने के बजाय कम से कम हमें प्रयास करना चाहिए।

विकास दिव्यकीर्ति एक कहानी सुनाते हुए बताते हैं कि एक स्टूडेंट ने गाय पर निबंध याद किया, लेकिन परीक्षा में मेरा मित्र पर निबंध पूछ लिया गया। अब स्टूडेंट ने उत्तर कुछ यूं लिखा-

“राम मेरा मित्र है, क्योंकि उसके पास एक गाय है। उसकी गाय के चार पैर हैं। राम की गाय दिन में 10 लीटर दूध देती है। राम की गाय के एक लंबी पूछ है।…राम के पास एक गाय है, इसलिए राम मेरा अच्छा मित्र है।”

अब यहां पर देखने वाली बात है कि स्टूडेंट को मेरा मित्र टॉपिक पर निबंध नहीं आता था, इसलिए थोड़ा घुमा फिराकर ‘गाय’ के निबंध को ‘मेरा मित्र’ का निबंध बना दिया।  अब इसी मेथड का उपयोग करके आप भी आप भी न आने वाले प्रश्नों के उत्तर आ रहे प्रश्नों के उत्तर के साथ घालमेल करके बना सकते हैं।

इस मेथड पर फिर से वही बात लागू होती है कि हर प्रश्न और हर विषय पर यह काम नहीं आएगा। लेकिन उत्तर पुस्तिका रिक्त छोड़ने की अपेक्षा आप कुछ न कुछ जरूर लिख आएंगे।

निष्कर्ष

अधिकांश शिक्षकों का सुझाव है कि परीक्षा में उत्तर पुस्तिका में कुछ न लिखने से बेहतर है कि कुछ न कुछ लिख देना। जैसे किसी युद्ध में घबराकर हथियार डाल देने से बेहतर है कि बहादुरी से लड़ते हुए जीतने का प्रयास करना। उम्मीद है कि आप युद्ध जीत भी जाओ। ढेरों उदाहरण हैं, जहां आखिरी दम तक प्रयास करने वाले राजाओं ने हारे हुए युद्ध जीत लिए।

भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी जब इंडियन टीम के कैप्टन थे, तब उनका भी मानना था कि अंतिम गेंद तक जीतने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने बहुत सारे हारे हुए मैच अपने प्रयासों के दम पर इंडियन टीम को जितवा दिए।

इसलिए आपको भी परीक्षा में आंसर कॉपी को खाली नहीं छोड़ना। उसमें ऊपर दिए गए तरीकों से कुछ न कुछ लिख देना है। उम्मीद है कि आपको बोर्ड परीक्षा में कुछ न आए तो क्या करें सवाल का जवाब मिल गया होगा। ऐसे ही ढेरों उपयोगी लेख आप ज्ञान संगम पर पढ़ सकते हैं।

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