पंचायत सचिव की लोकायुक्त ने कैसे खोली पोल, परेशान किसान से ले रहा था ₹7000 की रिश्वत
भोपाल। आज हम आपको बताएंगे भोपाल के लोकायुक्त की कार्रवाई, जिसमें लोकायुक्त ने कार्रवाई करते हुए एक भ्रष्ट सहायक सचिव को रंगे हाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। भ्रष्ट सहायक सचिव सिर्फ ₹7000 में बिकता हुआ नजर आया है। किसान जो अपनी मेहनत से कमाई करता है, उसी से ₹7000 की रिश्वत लेते हुए भ्रष्ट सचिव पकड़ा गया है।
सहायक सचिव विनोद सेन वर्ष 2013 से ग्राम रोजगार सहायक के पद पर ग्राम पंचायत रतवा रतनपुर में कार्यरत था। वहीं के निवासी किसान रणजीत सिंह से बलराम योजना के अंतर्गत पोखर बनवाने की स्वीकृति प्रदान करने के लिए भ्रष्ट सहायक सचिव ने ₹7000 की रिश्वत मांगी थी। शनिवार का वह दिन आया, जब रिश्वत देने के लिए तय किया गया था। फिर उसे एक पान की दुकान के पास बुलाया गया। रिश्वत लेने के लिए जैसे ही सहायक सचिव पहुंचा। वहां पर नजर बनाए लोकायुक्त की टीम अचानक से सचिव पर पर धावा बोल देती है और भ्रष्ट सहायक सचिव को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लेती है।
सचिव के हाथ में रिश्वत के 200 रुपए के कड़क नोट लोकायुक्त के हाथ लगते हैं। फिर जब इस हाथ को केमिकल में मिलाया जाता है, तो भ्रष्टाचार का लाल रंग पानी में दिखाई देने लगता है। यह लोकायुक्त ने ही शनिवार को दिन दहाड़े कार्रवाई की है, जिसमें लोकायुक्त के DSP वीरेंद्र सिंह और इंस्पेक्टर नीलम पटवा ने अहम भूमिका निभाई है।
यदि आपको भी कोई अधिकारी रिश्वत के लिए भोपाल संभाग में परेशान करता है, तो आप कोहेफिजा स्थित लोकायुक्त कार्यालय में जाकर इसकी शिकायत कर सकते हैं।